तुम्हारे झूठ को सच मानकर खुश होना चाहता है मन मेरा। तुम्हारे झूठ को सच मानकर खुश होना चाहता है मन मेरा।
और आप "प्रेमी" नहीं अपितु इक "ढोंगी"हैं! और आप "प्रेमी" नहीं अपितु इक "ढोंगी"हैं!
पी लो आज इन अश्रुओं को सैलाब न तुम बनने देना। पी लो आज इन अश्रुओं को सैलाब न तुम बनने देना।
ख़ुशी-ख़ुशी उसे अपना लो, फिर घर की तरह, उसे भी संभालो। ख़ुशी-ख़ुशी उसे अपना लो, फिर घर की तरह, उसे भी संभालो।
जो बात कर सके बिना कुछ सौदे के जिसमें कोई परदा ना हो।। बस ढेर सारी बातें और वहां सिर्फ जो बात कर सके बिना कुछ सौदे के जिसमें कोई परदा ना हो।। बस ढेर सारी बातें और व...
अद्भुत, असीम प्रेम अथाह, अनंत प्रेम मुझे तुमसे है। अद्भुत, असीम प्रेम अथाह, अनंत प्रेम मुझे तुमसे है।